रेगिस्तान... जहाँ जीवन एक उत्सव है. |
हिंदुस्तान के उत्तरपश्चिमी भाग में स्थित यह एक विशाल रेगिस्तान है. यह दुनिया का नौवां सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय रेगिस्तान है. इसका क्षेत्रफल २००,००० वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा है. थार ज्यादातर भारतीय राष्ट्र के राजस्थान राज्य में तथा इसका कुछ भाग हरियाणा, पंजाब, और उत्तरी गुजरात राज्यों में स्थित है. जैवविविधता में रेगिस्तान को कोल्ड स्पोट कहा जाता है, यहाँ पर पैदा होने वाले विभिन जीव जंतुओं को प्रेरणादायक प्रजातियाँ माना जाता है क्योंकि इतनी विपरीत परिस्थितियाँ होने के बाद भी ये प्रजातियाँ यहाँ अपना जीवन यापन करती है. रेगिस्तान लगभग १४१ प्रजातियों के लिए स्वर्ग है इसमें अपर्वासी एवं परवासी पर्जतियाँ सम्मिलित है.
यहाँ पर गावों में घरों कि संख्या कम होती है जिसकी वजह से उन्हें “ढाणी” कहा जाता है, गांवों में खेती भी होती है जो कि मुख्यतः वर्षा पर आधारित होती है. रेगिस्तान में मुख्य फसलें जेसे चन्ना, ग्वार, बाजरा, मूंग, मोठ इत्यादि उगाई जाती है.
रेगिस्तान में लोग विपरीत परिस्तिथियों में भी आनंदमयी जीवन व्यतीत करते है जबकि वहां पर इतनी सारी मुश्किलों भरा जीवन होता है. थार में उत्सवधर्मी लोग रहते है, ऐसा माना जाता है कि हर तीसरे दिन यहाँ कोई न कोई उत्सव होता है. थार के ग्रामीण आँचल का अगर नजदीकी से अध्यन किया जाए तो पता चलता है कि केसे यहाँ पे लोग इतना खुशहाल जीवन व्यतीत करते है ?
पर्यावरण की दृष्टि से इस प्रदेश के लोगों ने प्राचीन समय से ही शुद्ध पानी, अनाज, और दैनिक जीवन में काम आने वाली खाद्य और पेय से सम्बंधित चीजों का मितव्यता और सदुपयोग प्राचीन समय से ही शुरू कर दिया था. पानी की बात की जाये तो परम्परागत जलस्त्रोत जैसे कुंड, जोहड़, पक्के तालाब, गहरे कुँए बनाये जाते थे और इनको साफ-सुथरा रखने के लिए विशेष प्रबंध किया जाता था. जलस्त्रोतों की पूजा करना और इनकी देखभाल यहाँ के लोगों की आदतों में अभी भी नजर आता है. थार के कुछ क्षेत्रों में पशुपालन हि मुख्य कार्य है जैसे भेड़, बकरी, गाय, ऊंट यहाँ के प्रमुख पालतू पशुओं में होते थे और उनको समूह में रखकर देखभाल की जाती थी, इनसे दूध, घी और उन प्राप्त होता था.
आज से कुछ ही समय पहले की बात ह की यहाँ घी, दूध सस्ता और पानी महंगा हुआ करता था.थार का उदार करने वाली मरू गंगा यानि “इंदिरा गाँधी नाहर परियोजना” के कारण से कुछ जिले जैसे गंगा नगर, हनुमानगढ, बीकानेर, जैसलमेर जिलों में सिंचाई सुविधा होने के कारण खाद्यान समस्या व पशुचारे जेसी समस्याओं का निवारण हुआ है.
Title: The Desert, Where Life is a Celebration
Written by Shailender Kumar
Photo by Shailender Kumar
Key Words: desert, blog, Rajasthan, India, water, culture, ecosystem, registan, thar, pani, sanskriti
इंसानों और जानवरों के बीच क्या अंतर है? दिमाग? आत्मा? विवेक? डाल्फिन बहुत बुद्धिमान हैं. ऐसा क्यों है? क्या जानवरों मनुष्यों से बहुत अलग हैं? शायद नहीं...
वैज्ञानिकों का कहना है कि मनुष्यों के बाद सबसे लंबी याद्दाश्त डॉल्फिन मछली की होती है. अभी तक माना जाता था कि मनुष्यों के बाद हाथी की याद्दाश्त सबसे लंबी होती है. अमरीका के शोधकर्ताओं का कहना है कि एक दूसरे से अलग होने के 20 साल बाद भी डॉल्फिन अपने पूर्व साथियों की सीटी जैसी आवाज़ पहचान लेती हैं. यह शोध 'प्रेसीडिंग्स ऑफ रॉयल सोसाइटी बी' में प्रकाशित हुआ है.
और पढ़े :- http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2013/08/130812_dolfin_long_memory_vt.shtml
नई वैक्सीन से मलेरिया 100% बंद हो जाता है. क्या जल्द ही मलेरिया को समाप्त किया जा सकता है?
रिपोर्ट अंग्रेजी में :- http://bit.ly/15WlUXB
via Science Alert
नागराज (Ophiophagus hannah) :- संसार का सबसे लम्बा विषधर सर्प है। इसकी लम्बाई 5.6 मीटर तक होती है। सांपों की यह प्रजाति दक्षिणपूर्व एशिया एवं भारत के कुछ भागों में खूब पायी जाती है। एशिया के सांपों में यह सर्वाधिक खतरनाक सापों में से एक है।
Photo: LA Dawson
Text: Wikipedia
Mangal graha par. |
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के 'क्यूरियोसिटी रोवर' को मंगल पर गए करीब एक साल हो चुके हैं. इस दौरान क्यूरियोसिटी रोवर ने जो तथ्य इकट्ठे किए हैं उनसे पता चलता है कि यह लाल ग्रह चार अरब साल पहले जीवन योग्य रहा होगा. और भी BBC से.
(Photo: NASA)
Do muh wala kachuwa. |
In mein se ek ka naam Thema aur dusre ka Louise hai. Inko Friedrich Aquarium mein pradarshni ke liye rakha jayega. Kachuye ki es awastha ko "polycephaly" bola jata hai. Is rup mein iske marne ki sambhawna jyade hai isliye ye accha hai ki aquarium me rakha gaya hai.
Photo: San Antonio Zoological Society
via: Science Is Awesome
क्या अब तक सच्चिदानन्द भारती से मिला है? उत्तराखण्ड में उनके द्वारा पानी का चमत्कार हो गया है. और भी हिंदी इंडिया वाटर पोर्टल से. और एक नया अंग्रेजी पोस्ट यहाँ.
भारत में पर्यावरण क्षरण की कुल लागत हर साल Rs. 3,750,000,000,000 है, जोकि कि सकल घरेलू उत्पाद (2009) का 5.7% है. मुख्य समस्या कण प्रदूषण (PM10) है. और विश्व बैंक से.
स्वीडन में एक ऐसी मशीन का इस्तेमाल हो रहा है जो पसीने से भीगे कपड़ों से नमी लेकर उसे पीने के पानी में तब्दील कर देती है. ये उपकरण कपड़े को घुमाकर और गर्म करके उसमें से पसीना निकाल देता है, फिर उससे निकले वाष्प को एक ख़ास पतली झिल्ली से गुज़ारा जाता है. ... और भी BBC से
Photo: Bibikoff
Photo: Derek Jensen |
भारत सरकार ने माना है कि डॉलफिन एक ऐसा जीव है जिसकी समझ बूझ इंसानों से तुलनीय है, इसलिए उन्हें भी जीने के वैसे ही अधिकार मिलने चाहिए जैसे इंसानों को. गंगा नदी में पायी जाने वाली सूंस को भारत सरकार ने भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है. और... Deutsche Welle
Photo: CEE, http://tinyurl.com/oklr8ok, Text added by Dhara |
पूरा पहाड़ आपदा में कराह रहा है। सिर ढंकने को न छत बचीं न अन्न उपजाने को खेत। दुकान, होटल, गेस्ट हाउस, रैन बसेरे, धर्मशालाएं, स्कूल, बैंक, डाकघर सब बह गए। रोजी-रोटी का कोई भी साधन नहीं बचा। और जागरण से
मालूम पड़ता है कि चीन में समृद्ध लोगों का एक तबका स्तनों से प्राप्त होने वाले मानव दूध को पसंद करने लगा है... और BBC से
Library of Congress |
मानवीय कारणों से फैलने वाले वायु प्रदूषण के कारण हर साल दुनिया में 20 लाख से अधिक लोगों की जान चली जाती है, जिनमें सबसे अधिक संख्या एशिया तथा पूर्वी एशिया के लोगों की है... और In.com से
National Parks Service |
अमरीकी उद्योग जगत से भारी विरोध के स्वरों के बीच अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमरीकी इतिहास में पहली बार वहां कोयले से चलने वाले बिजली घरों से हो रहे प्रदूषण पर लगाम कसने का ऐलान किया है... और BBC से
Executive Office of the President '09 |
नया यूट्यूब अपलोड Centre for Science and Environment (CSE) से... हिमालय, गंगा, बाढ़, वन. अनिल अगरवाल (CSE के संस्थापक, स्वर्गीय) और चंडीप्रसाद भट्ट (चिपको आन्दोलन) का साक्षात्कार 1980s से. पुराने साक्षात्कार लेकिन आज कल की मामला.
विडियो :- http://youtu.be/rdlUZCE4ohg?t=18m53s
कौन है चंडीप्रसाद भट्ट? http://hi.wikipedia.org/s/25di
विडियो :- http://youtu.be/rdlUZCE4ohg?t=18m53s
कौन है चंडीप्रसाद भट्ट? http://hi.wikipedia.org/s/25di
"हिम प्रदेशों को बस ये सोचना होगा कि विकास तो हो लेकिन विनाश न हो. पहाड़ों के जंगल भी बचे रहें और स्थानीय लोगों का फायदा भी हो."
सुनिए सुनीता नारायण से खास बातचीत :- http://www.bbc.co.uk/hindi/multimedia/2013/06/130628_newsmakers_sunitanarain_dk.shtml
और पढ़ें... http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/07/130701_sunita_hillpolicy_dk.shtml
सुनीता नारायण (CSE, CC BY-SA 2.5) |
और पढ़ें... http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/07/130701_sunita_hillpolicy_dk.shtml
पर्यावरण संबंधी समूह सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल हेल्थ ने एक जांच में पेप्सी के उत्पादों में कैंसरकारी तत्व पाया है. समूह ने बुधवार को कहा कि पेप्सी में इस्तेमाल किए गए कैरामेल कलरिंग में अब भी एक कैंसरकारी तत्व चिंताजनक स्तर पर मौजूद है, भले ही कंपनी ने कहा है कि वह अपना फॉर्मूला बदलेगी. और भी... http://aajtak.intoday.in/story/pepsi-still-contains-worrying-levels-of-carcinogen-group-1-735003.html
Photo: Claude Renault |
सरकारी वैज्ञानिक और यूनिवर्सिटी शोधकर्ता पड़ताल करेंगे कि दलदल वाले और तटीय क्षेत्र पर्यावरण में पाई जाने वाली कार्बन डाइ ऑक्साइड को किस हद तक नियंत्रित रख सकते हैं... और भी... BBC
Surf Scoter (Melanitta perspicillata) by Mike Baird from Morro Bay, USA |
संजय दत्त को उत्तराखण्ड में आई बाढ़ का शिकार बने लोगों की चिंता है और वे उनके लिए कुछ करना चाहते हैं... और Web Duniya से
भारत में विश्व बैंक रिपोर्ट के अनुसार भारत में गर्म होती जलवायु से कृषि, जल संसाधन और स्वास्थ्य के लिए उल्लेखनीय जोखिम. अगले एक दशक में दुनिया के औसत तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की आशंका भारत के ग्रीष्मकालीन मॉनसून के पूर्वानुमान को अत्यधिक मुश्किल बना देगी.बारिश के प्रारूप में परिवर्तन से कुछ क्षेत्र पानी में डूब जाएंगे और कहीं बिजली बनाने एवं सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं होगा.
टर्न डाउन दा हीट :- क्लाइमेट एक्सट्रीम्स, रीजनल इम्पैक्ट्स और केस फॉर रिज़िलीअन्स नामक विश्व बैंक की रिपोर्ट आज जारी की गई... और विश्व बैंक से
टर्न डाउन दा हीट :- क्लाइमेट एक्सट्रीम्स, रीजनल इम्पैक्ट्स और केस फॉर रिज़िलीअन्स नामक विश्व बैंक की रिपोर्ट आज जारी की गई... और विश्व बैंक से
विश्व बैंक की परियोजनाएं दुनियाभर में कहां-कहां हैं?
उनसे कौन लाभान्वित हो रहे हैं?
इन परियोजनाओं के द्वारा दिए गए अनुबंधों की जानकारी कहाँ मिलेगी?
इन सवालों के जवाब, तथा और भी बहुत कुछ अब आप अपने ऐन्ड्रॉइड, आईफोन, या आईपैड जैसे डिवाइस (उपकरणों) पर पा सकते हैं। इसके साथ-साथ आप इस जानकारी का मूल डाटा विश्व बैंक समूह की ‘ओपन फाइनैंसेज’ वेबसाइट https://finances.worldbank.org/ से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। और विश्व बैंक से
उनसे कौन लाभान्वित हो रहे हैं?
इन परियोजनाओं के द्वारा दिए गए अनुबंधों की जानकारी कहाँ मिलेगी?
इन सवालों के जवाब, तथा और भी बहुत कुछ अब आप अपने ऐन्ड्रॉइड, आईफोन, या आईपैड जैसे डिवाइस (उपकरणों) पर पा सकते हैं। इसके साथ-साथ आप इस जानकारी का मूल डाटा विश्व बैंक समूह की ‘ओपन फाइनैंसेज’ वेबसाइट https://finances.worldbank.org/ से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। और विश्व बैंक से