उत्तराखण्ड एक महीने बाद

पूरा पहाड़ आपदा में कराह रहा है। सिर ढंकने को न छत बचीं न अन्न उपजाने को खेत। दुकान, होटल, गेस्ट हाउस, रैन बसेरे, धर्मशालाएं, स्कूल, बैंक, डाकघर सब बह गए। रोजी-रोटी का कोई भी साधन नहीं बचा। और जागरण से
विषय // , , , , , , ,

0 comments

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...