भारत में विश्व बैंक रिपोर्ट के अनुसार भारत में गर्म होती जलवायु से कृषि, जल संसाधन और स्वास्थ्य के लिए उल्लेखनीय जोखिम. अगले एक दशक में दुनिया के औसत तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की आशंका भारत के ग्रीष्मकालीन मॉनसून के पूर्वानुमान को अत्यधिक मुश्किल बना देगी.बारिश के प्रारूप में परिवर्तन से कुछ क्षेत्र पानी में डूब जाएंगे और कहीं बिजली बनाने एवं सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं होगा.
टर्न डाउन दा हीट :- क्लाइमेट एक्सट्रीम्स, रीजनल इम्पैक्ट्स और केस फॉर रिज़िलीअन्स नामक विश्व बैंक की रिपोर्ट आज जारी की गई... और विश्व बैंक से
टर्न डाउन दा हीट :- क्लाइमेट एक्सट्रीम्स, रीजनल इम्पैक्ट्स और केस फॉर रिज़िलीअन्स नामक विश्व बैंक की रिपोर्ट आज जारी की गई... और विश्व बैंक से